जब मैं यह लिख रहा हूं.. जुलाई बीतने वाली है। फुटपाथ, सड़कें, गली-मोहल्ले कोरोना से निर्भय…
Category: सोशल हलचल
‘समय की नाक’ से लेकर ‘कहानियों के पैर नहीं होते’ तक डॉ. हरेंद्र असवाल की कुछ चुनिंदा कविताएं
(1 ) समय की नाक नाक छोटी और विजन बड़ा रखने का…
मैं कोई धर्म बनाता तो ईश्वर को ‘पापा’ बनाता और खुद ‘बेटी’ होता
अंदर तक वादेसवा की तरह कोई सकूनी लफ़्ज मुझे लगता है तो वह है ‘पापा’। ऐसा…
आपदा में अवसर खोज लेते ‘गुरु’ लेखक और हुजूरी करते चेले
हिंदी में अभिनंदन काल पराकाष्ठा पर पहुंच चुका है. हर लाइक एवं कमेंट के साथ एक…
इस लेख से समझिए कोरोना, जैव विविधता और पर्यावरण
डॉ वीर सिंह कोरोना काल में अनेक ऐसे चित्र उभर कर सामने आएं हैं जो दर्शाते…
सहजीवन में प्रकृति या प्रकृति में सह जीवन: हिमालय से कुछ अनुभव
मैं ग्लोब के जिस हिस्से में रहता हूं वो हिमालय में स्थित है। यह भूभाग हिमालय…
सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का त्योहार है ‘उत्तरायणी’
सुबह के ‘ब्यांणी तार’ ने अभी विदाई ली थी। सुबह होने में अभी कुछ देर है।…
मृत्यु के 22 साल बाद बाबा नागार्जुन कथित तौर पर यौन शोषण के कटघरे में
मृत्यु के 22 साल बाद बाबा नागार्जुन पर कथित तौर पर यौन शोषण का आरोप लगा…
योगिता यादव की चर्चित कहानी- ‘नई देह में नए देस में’
योगिता यादव ठाकुर साहब संस्कृति प्रेमी हैं। ठाकुर साहब कला प्रेमी हैं। ठाकुर साहब पुरातन प्रेमी…
ड्रीम गर्ल: आर्टिफिशियल इमोशन का बाजार
भीड़ में हर आदमी अकेला है। उसका अकेला होना उसे अलग नहीं करता बल्कि उसके संबंधों…