यात्राएं बहुत कीं, पर लिखने की उमंग ने कभी ज़ोर नहीं मारा। पिछले वर्ष जब लिस्बन…
Author: रेखा उप्रेती
दिल्ली में नहीं, तेरे दिल में रहती हूं… रे पहाड़
ओ पहाड़! कैसा है रे!! तू सोचेगा वर्षों बाद याद कैसे आई। नहीं रे, भूली कहां…
यात्राएं बहुत कीं, पर लिखने की उमंग ने कभी ज़ोर नहीं मारा। पिछले वर्ष जब लिस्बन…
ओ पहाड़! कैसा है रे!! तू सोचेगा वर्षों बाद याद कैसे आई। नहीं रे, भूली कहां…