खत प्रिय तारेन्द्र दा …
Author: ख़तोकिताबत
अम्मी, आपकी बेटी के लिए आपसे बढ़कर कोई शय नहीं
खत प्यारी अम्मी, अस्सलामो अलयकुम! मैं यहाँ बिल्कुल ठीक हूँ…
प्रकृति से दूरी बनाकर रखना मरने जैसा है
खत प्यारे ललित, उम्मीद करता हूं कि तुम स्वस्थ्य होगे. बीमार पड़े हुए लोग…
तुम याद रहते हो हर पल, हर क्षण, दिल के कोने में
हाय जब से ये मोबाइल फोन आये तब से पत्रों का चलन मानों खत्म सा हो…
एक बार फिर दिल्ली से उदास होकर जा रहा हूं।
प्रिय ललित जाने से पहले तुम्हें ये खत लिखने बैठा हूं। समझ में नहीं आ…
दक्षिणपंथियों की भाषा में राम राम
ललित भाई, को दक्षिणपंथियों की भाषा में राम राम… जब समय से पहले बुद्धिजीवी दिखने वाला…
खुश रहना, हंसना, बेवजह मुस्कुरा देना सिखा गयी तुम
खत सुनो, वो तुम्हारा मुझे बार बार तंग करना। बात-बात पे मेरी डांट लगाना। मुझसे…
अन्ना चौक की वो बेंच…
खत मित्रवत शक्ति ललित के विशेष आग्रह पर आज…